द्रोणाचार्य शिक्षण स्नातकोत्तर महाविद्यालय रैत में अंतर समुह शिक्षण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसमें अनिल जरियाल प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, शाहपुर ने मुख्यतिथि के रूप में शिरकत की साथ ही डॉ अतुल ठाकुर,सहायक प्रवक्ता,डॉ अनूप कुमार सहायक प्रवक्ता, राजकीय शिक्षा महाविद्यालय धर्मशाला ने रिसोर्स पर्सन के रूप में भूमिका अदा की।इस प्रतियोगिता में सभी समूहों के 12 प्रशिक्षुओं ने अपनी बनाई गई पाठ योजना के साथ शिक्षण किया।वहीं निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ अतुल ठाकुर व डॉ अनूप कुमार ने निभाई।
मुख्यातिथि अनिल जरियाल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में अध्यापक की अहम भूमिका है। एक अध्यापक के साथ काफी बच्चों का भविष्य जुड़ा होता है। कौशल का अर्थ है – शिक्षण कार्य मेेंं कुशलता। शिक्षण कौशल शिक्षक व्यवहार से संबंधित वह स्वरूप है, जो कक्षा की अंतःक्रिया में उन विशिष्ट परिस्थितियों को उत्पन्न करता है, जो शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक होते हैं और छात्रों को सीखने में सुगमता प्रदान करते हैं। अध्यापक हमेशा बच्चों के स्तर पर जा कर ही बच्चों को सिखा सकता है वहीं एक अच्छा और कौशल से युक्त अध्यापक ही देश का निर्माण में अहम जिम्मेबारी तय कर सकता है ।
इस प्रतियोगिता में पहला स्थान शिवानी मनकोटिया ने तथा दूसरा स्थान रूहानी ने प्राप्त किया।
महाविद्यालय के कार्यकारिणी निदेशक डॉ बीएस पठानिया ने विजेता प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी।साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशिक्षु शिक्षकों में आत्मविश्वास बढ़ाने व शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने में ऐसी प्रतियोगिताएं सकारात्मक रूप निभाती हैं।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रवीण शर्मा ने बताया कि ऐसी प्रतियोगिताओं का उद्देश्य प्रशिक्षुओं में शिक्षण कौशलों में निखार व शिक्षण में सुधार लाना है।
इस मौके पर महाविद्यालय प्रबंध निदेशक जीएस पठानिया ,कार्यकारी निदेशक बीएस पठानिया , प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार शर्मा ,विभागाध्यक्ष सुमित शर्मा ,सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा I
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